UP Outsourcing Employees Salary Hike: यूपी आउटसोर्स कर्मचारियों का अधिकतम मानदेय हुआ तय, सरकार ने जारी किया आदेश

By: Ashutosh Singh

On: Saturday, September 20, 2025 7:52 AM

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UP Outsourcing Employees Salary Hike: उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के विभागों में उत्तर आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती किए जाने वाले जितने भी कार्मिक है उनके लिए अप आउटसोर्स सेवा निगम के गठन का आदेश शुक्रवार को घोषित कर दिया गया है। इस निगम के गठन के बाद से आउटसोर्स कर्मचारी को शोषण से अब मुक्ति मिल पाएगी। इसके जरिए तैनातिया जो है निष्पक्षता व पारदर्शिता के माध्यम से हो पाएंगे और कार्मिकों का जो न्यूनतम मानदेय है वह ₹2000 और अधिकतम मानदेय ₹40000 दिया जाएगा। जो कि तय कर दिया गया है इसके साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा आदि का लाभ कार्मिकों को प्रदान किया जाएगा। निगम का गठन होने के बाद आउटसोर्स कर्मियों की जो तैनातिया है वह लिखित परीक्षा में साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा प्रत्येक माह की 5 तारीख तक मानदेय का जो भुगतान है वह दिया जाएगा।

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सरकार के माध्यम से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को कुल चार श्रेणियां बनाया गया है। जिनमें से श्रेणी एक हेतु 40000 तो श्रेणी 2 के लिए ₹25000 और श्रेणी तीन हेतु ₹22000 और श्रेणी 4 हेतु ₹20000 पारिश्रमिक तय कर दिया गया है श्रेणी 3 व 4 में चयन हेतु साक्षात्कार नहीं होगा। कार्मिकों की आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया में निगम नियामक का भूमिका यहां पर निभाएगा। कंपनी अधिनियम 2013 के तहत इसका गठन कर दिया जाएगा। यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी होने जा रही है जिसे गैर लाभकारी संस्था के रूप में यहां पर संचालित किया जाने वाला है।

आउटसोर्स सेवा निगम हेतु शासनादेश जारी

प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन अमित घोष के माध्यम से जारी आदेश में कहा गया है कि आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करने जा रही है कि आउटसोर्स कर्मचारी का बिल्कुल शोषण ना हो और उनका भविष्य सुरक्षित पूरी तरीके से रहे इस निर्णय से लिखो युवाओं को रोजगार का अवसर मिल पाएगा।

जितने भी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग हैं दिव्यांगजन है बहुत-बहुत सैनी का महिलाएं इनका निर्माण कर तैनातियो में आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाने वाला है उन्हें मानदेय सहित मानदेय सहित अवकाश चिकित्सीय स्वास्थ्य सेवाएं आदि का लाभ दिया जाने वाला है। किसी भी प्रकार की अनियमितता पर कार्मिक की सेवा तुरंत यहां पर समाप्त हो जाएगा। अमित घोष कहां पर यह कहना है कि शासनादेश जारी किए जाने के बाद अब इसके गठन की जो औपचारिकता है वह शुरू कर दिया जाएगा उम्मीद है कि दो माह बाद नये नियम से यह जो तैनातिया शुरू हो पाएगी।

मुख्य सचिव को बनाया जाएगा अध्यक्ष

निगम के जो अध्यक्ष है वह मुख्य सचिव रहेंगे। इसके सचिव महानिदेशक रहेंगे सचिवालय प्रशासन वित्त कार्मिक न्याय व श्रम विभाग के जो अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव इसके पड़े निदेशक यहां पर रहेंगे। निगम में महानिदेशक के अलावा कार्यकारी निदेशक जनरल मैनेजर के अलावा यहां पर मैनेजर ऑपरेशन मैनेजर एचआर और कई आने यहां पर सम्मिलित रहेंगे। महानिदेशक का जो व्यक्तिक सहायक वित्त नियंत्रक कंपनी सचिव सीनियर अकाउंटेंट डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित अन्य यहां पर कई प्रकार के महत्वपूर्ण पद सम्मिलित हैं।

निगम की इस तरह की जाएगी संरचना

निगम की जो संरचना है जिसमें बोर्ड आफ डायरेक्टर्स तैनात किए जाएंगे। सलाहकार कमेटी रहेगी। निगम मुख्यालय रहेगा। शासन निदेशालय आदि की जो निगरानी समिति रहेगी मंडल स्तर की निगरानी समिति रहेगी। जिला स्तर की निगरानी समिति रहेगी स्थानीय स्तर करने की निगरानी समिति रहेगी।

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